Chandrayaan-3 ने ली एक बार फिर से चांद की सबसे करीबी तस्वीर। तस्वीर में दिखा कुछ ऐसा जिसे देखकर हिल गए हैं नासा और चीन। वही खुशी के आंसू रोने लगे इसरो की टीम। दोस्तों भारत का चंद्रयान 3 मिशन के हर मुश्किल पड़ाव को पार करके चांद के बेहद करीब पहुंच गया है। अब वह पल दूर नहीं जब chandrayaan-3 लैंडिंग करके चांद पर अपने भारत का झंडा गाड़ देगा। इसे देखकर नासा और चीन के पसीने छूटने लगे है।
इसी बीच chandrayaan-3 में लगे कैमरा से ऐसी फोटेज दिखा दी जिसे देखकर दुनिया के सभी वैज्ञानिक हैरान हैं। आज चांद की कक्षा में प्रवेश करते हुए chandrayaan-3 के एडवांस कैमरा ने ऐसा क्या कैप्चर किया जिसे देखकर इसरो की टीम खुशी से झूम उठी। आखिर कर दुनिया भर के वैज्ञानिकों को चांद में क्यों इतना दिलचस्पी है। आज इस लेख में चांद को लेकर बहुत सारी जानकारी देने वाले हैं आप अंत तक पढ़े।
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चंद्रयान के गति का अहम रोल
5 अगस्त के दिन इसरो के बेंगलुरु हेड क्वार्टर के मिशन आन ऑपरेशन कांप्लेक्स में हर तरफ भगदड़ मची हुई थी। इसी दिन शाम 5:00 बजे इसरो का चंद्रयान 3 चांद के कक्षा में प्रवेश करने वाला था और सभी वैज्ञानिक पूरी तरह से सचेत थे। क्योंकि मिशन के इस सबसे मुश्किल पड़ाओ में एक छोटी सी गलती पूरी मिशन को तबाह कर सकती थी। बता दें कि इस पूरी प्रक्रिया में स्पीड यानी गति का सबसे बड़ा अहम रोल होता है क्योंकि चांद के आर्बिट में भेजने के लिए चंद्रयान-3 को सही गति से चांद के बाहरी कक्ष में धकेलना जरूरी था। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर गति तेज होती तो यह चांद की ग्रेविटी को स्कीप करके आगे चल जाता और गति स्लो हुई तो हो सकता था कि धीरे-धीरे चंद्रमा की ओर चला जाए और क्रैश हो जाए। इसीलिए वैज्ञानिको ने chandrayaan-3 के विपरीत दिशा में चला कर उसकी गति को 40000 किलो मीटर प्रतिघंटे से 3600 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया और सही दिशा में रखकर उसे चांद की तरफ धकेल दिया अब सब कुछ चंद्रमा की ग्रेविटी के हाथ मैं था कि वह चंद्रयान-3 को पकड़ना चाहती है या नहीं।
चंद्रयान 3 ने ली चांद की क्लियर तस्वीर
यहां आपको यह जानकर खुशी होगी कि एकदम सही तरीके से हमारा चंद्रयान 3 चांद की ग्रेविटी में प्रवेश कर गया। और उसी शाम इसरो के वैज्ञानिकों ने बताया कि चंद्रयान-3 को चांद की कक्षा में स्थापित कर दिया गया है, यह बात सुनकर सभी भारतीयों के जान में जान आई। जबकि भारत के दुश्मन देश इस बात को लेकर बिल्कुल ही हजम नहीं कर पाए अगले ही अपने दुश्मनों को मजे लेते हुए इसरो के वैज्ञानिको ने चंद्रयान-3 की तरफ से आए मैसेज और चांद के साथ पहली तस्वीर को भी रिलीज कर दिया।
वही इसरो ने चंद्रयान तीन पर लगे कैमरे से क्लिक हुई तस्वीरों का एक 40 सेकंड का वीडियो बनाकर रिलीज किया और उन्होंने बताया कि यह लूनर आर्बिट इंस्टॉलेशन के दौरान ली गई तस्वीरें हैं। उस वक्त चंद्रयान 3 चांद के सतह से मात्र 164 किलोमीटर की दूरी पर था। जब यह तस्वीर खींची गई तब चंद्रयान चांद के सबसे करीबी पॉइंट पर था।
इन तस्वीरों को देख कर दुनिया भर के सभी वैज्ञानिक हैरान
इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं की चांद की सतह पर नीले और हरे रंग के कई गड्ढे दिखाएं दे रहे हैं। इन हैरान कर देने वाली तस्वीरों को देखकर वैज्ञानिक हैरान हो गए। वैज्ञानिकों का मानना है कि चांद के इन्हीं क्रिएटर में खनिजों का खजाना मौजूद हो सकता है साथ ही सतह के बड़े-बड़े गड्ढों के अंदर इतना पानी मौजूद हो सकता है, जिसका इस्तेमाल करके चांद पर हजारों साल तक रह सकते हैं। यहां गौर करने वाली बात यह है की सतह से 164 किलोमीटर की दूर से ही जब chandrayaan-3 के कैमरा ने चांद की इतनी डिटेल्स में तस्वीरें ली हैं तो चांद पर यह कितनी किलियर फोटो लेगा साथ ही इसरो ने चंद्रयान 3 में इतना एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट तकनीक को शामिल किया है जब जरूरत पड़ेगी तो खुद ही तस्वीर क्लिक करके डायरेक्ट इसरो कमांड सेंटर को भेज देगा। चंद्रयान 3 की इसी तकनीकी को देखकर दुनिया भर की सभी स्पेस एजेंसी हैरानी में है।
चंद्रयान 3 चांद के करीब
चंद्रयान-3 चांद के कक्षा में अपने ऑर्बिट को छोटी करने के चरणों में लगा हुआ है। अगले कई दिनों तक लगातार ऑर्बिट को कम किया जाएगा जिससे यह चांद के बेहद करीब लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर पहुंच जाएगा। जिसके उसकी दूरी को और ज्यादा कम करने के लिए इसे 100 किलोमीटर की ऑनर आर्बिट में आज स्थापित किया जाएगा। जहां से यह लैंडिंग के लिए चांद की सतह की तरफ रवाना होगा।
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चंद्रयान 3 को चांद पर लैंडिंग करने का समय
आपको बता दें कि असली धमाका 23 अगस्त के दिन होने वाला है क्योंकि उस दिन हमारा chandrayaan-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अपने झंडे गड़ेगा। इसके बाद 14 दिन तक चांद के उन दफन रहस्यो से पर्दा उठाने का काम करेगा।
वैज्ञानिकों को चांद में इतनी दिलचस्पी क्यों है ?
क्या आपने सोचा है कि हमारे सौरमंडल में इतने सारे ग्रह उपग्रह होने के बावजूद हम इंसानों को चांद में इतनी दिलचस्पी क्यों है। तो दोस्तों पूरे अंतरिक्ष में चंद्रमा एक ऐसा एकलौता पिंड है जो पृथ्वी से सबसे नजदीक है। इसीलिए भविष्य में हम किसी दूसरी दुनिया में मानव बस्ती बसाते हैं तो चांद पर जाने में हमें सबसे कम समय लगेगा। वही हमारे चंद्रयान-1 चांद पर पानी की मौजूदगी का भी पता लगाया है और पानी किसी भी ग्रह पर जीवन का अस्तित्व है। इसके अलावा चांद पर बड़ी मात्रा में सोडियम, हीलियम, क्रोमियम, मैंगनीज और अन्य जरूरी खनिज की संभावना है। जिसका इस्तेमाल हम हम इंसानी बस्ती के निर्माण में प्रयोग कर सकते हैं और साथ ही भविष्य में किसी और ग्रह पर जाते हैं तो चांद को स्पेस स्टेशन की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।
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